नारको टेस्ट की तकनीक सीखेंगे राजधानी के छात्र

*नारको टेस्ट की तकनीक सीखेंगे राजधानी के छात्र”*

लखनऊ यूनिवर्सिटी
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने
*वोकेशनल कोर्स तैयार करने के निर्देश दिए थे*

जो विद्यार्थियों के करियर और मांग के लिहाज से महत्वपूर्ण हों और उन्हें अधिक विकल्प का मौका भी मिल सके।

इसी के बाद से कई विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।

*अब नार्को टेस्ट की तकनीक भी सीखेंगे विद्यार्थी*

लखनऊ विश्वविद्यालय में *स्नातक पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राएं नए सत्र से अब नार्को टेस्ट की तकनीक* के बारे में पढ़ सकेंगे।

उन्हें थ्योरी के साथ-साथ एक महीने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

*विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलाजी विभाग* ने फोरेंसिक साइंस पाठ्यक्रम के तहत इसे वोकेशनल पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है।
*जल्द ही इस संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के साथ मेमोरंडम आफ अंडर स्टैंडिंग (एमओयू) कराने पर विचार किया गया है*

हैंडराइटि‍ंग एनालिसिस सहित कई अन्य कोर्सों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय पहला संस्थान है।

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए *स्नातक पहले और तीसरे सेमेस्टर में को-करिकुलर*
और
दूसरे-चौथे सेमेस्टर में वोकेशनल कोर्स के रूप में कई पेपर शुरू किए गए हैं। *अभी वोकेशनल में सिर्फ नौ कोर्स ही पढ़ाए जा रहे हैं*

बुलाए जाएंगे विशेषज्ञ

विभाग की हेड प्रो.के पांडेय ने बताया कि

फोरेंसिक साइंस में अच्छा करियर है।
इसके अंतर्गत वोकेशनल कोर्स में विद्यार्थियों को नार्को टेस्ट से जुड़ी सभी चीजें पढ़ाई जाएंगी।
*बाहर से विशेषज्ञ भी पढ़ाने के लिए बुलाए जाएंगे*

इस संबंध में सीबीआइ निदेशक से बात हुई है।

*उनके साथ एमओयू होने के बाद हमारे विद्यार्थी पांच-छह के ग्रुप में ट्रेनि‍ंग के लिए भी जा सकेंगे*

गोंड कला के बारे में भी जानेंगे: अभी तक पीजी में इंटर डिपार्टमेंटल के तहत हैंडराइटि‍ंग का एक पेपर है

अब स्नातक में वोकेशनल कोर्स में इसे शामिल किया जाएगा।

*इसमें हाथ की लिखावट पहचानने सहित कई चीजें सीखने को मिलेंगी*

क्या होता है *नार्को टेस्ट*

इस टेस्ट का प्रयोग अधिकतर अपराधी या आरोपी से सच जानने के लिए किया जाता है।

इसमें संबंधित व्यक्ति को एक दवा या इंजेक्शन दिया जाता है।

इससे वह व्यक्ति न तो पूरी तरह बेहोश होता है न ही होश में रहता है

इस टेस्ट को फोरेंसिक एक्सपर्ट, मनोविज्ञानी व डाक्टर आदि की उपस्थिति में किया जाता है।

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