डॉ पी एस एसएच
किसी भी जीव के लिए उसका बच्चा संसार का सबसे प्यारा कीमती और नायाब उपहार होता है। मनुष्य ही नहीं अन्य प्राणी भी अपने शत्रु को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं और उसकी जरा सी भी तकलीफ पर माता-पिता की जान निकल जाती है।
रोहित पांडे के यहां भी एक प्यारी सी परी का जन्म हुआ तो पूरा घर खुशियों से जुड़ने लगा लेकिन कुछ ही दिनों के बाद बच्ची अत्यधिक होने लगी है आराम से सो नहीं पाती थी, दूध भी नहीं पी पाती थी, उसका वजन भी नहीं बन पा रहा था और त्वचा नीली पड़ने लगी थी ।
डरे सहमे मोहन सिंह और रोहित पांडे ने बच्ची को छोटे से लेकर बड़े डॉक्टर को दिखाया।भूत-प्रेत और हवा का चक्कर भी दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।बच्ची की हालत बिगड़ती ही गयी।अलग अलग जगहों पर जाकर मन्नत भी मांगी लेकिन कुछ लाभ न हुआ।
ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि एक गरीब व्यक्ति इतना भी नहीं कमा पाता है कि अपने बच्चे का इलाज भी ढंग से करा सके।किसी तरह जे व्यवस्था करके उसने बच्ची के हृदय की जांच कराई तो जांच में जो पता चला उससे उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई बच्ची के दिल में छेद है ।
अस्पताल में ऑपरेशन और इलाज का जो खर्च बताया उसके लिए नामुमकिन था। इलाज का खर्च 3.60 लाख बताया गया थ। 7000 की प्राइवेट नौकरी करने वाले रोहित पांडे के लिए इतनी बड़ी रकम पहाड़ खोदने के बराबर थी।हार कर अपनी आंखों के सामने अपने कलेजे के टुकड़े को तिल तिल मरते देखने के सिवा कोई रास्ता नहीं था ।
लेकिन कहते हैं कि प्रयास और दुआ कभी खाली नहीं जाते हैं। एक दिन उसे किसी ने निशक्त जन सेवा संस्थान के हृदय में छेद के निशुल्क ऑपरेशन व इलाज के विज्ञापन के बारे में बताया । उसे विश्वास तो नहीं हुआ क्योंकि ऐसे विज्ञापनों की भरमार रहती है लेकिन फिर भी उसने उस फोन नंबर पर बात की तो पाया कि विज्ञापन बिल्कुल सही था और वास्तव में इलाज और ऑपरेशन निशुल्क किया जा रहा था।
इस नंबर पर बात करने वाले थे अमृतलाल । रोहित पांडे ने उनसे बात की ,अपनी समस्या बताएं बच्चे के बारे में बताया और उनके निर्देशानुसार बच्ची को लेकर श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल दिल्ली मथुरा रोड पलवल ले गया। वहां उसकी बच्ची का निशुल्क ऑपरेशन और इलाज हुआ यही नहीं उसे वहां तक रहना और खाना भी निशुल्क मिला आज उसकी पुत्री सामान्य जीवन जी रही है और रोहित और उसकी पत्नी अमृतलाल को दुआएं देते नहीं आते हैं उनका कहना है कि अगर अमृतलाल के बारे में उनको नहीं पता चला होता तो शायद उनकी बच्ची बेहद विषम परिस्थितियों में होती और शायद जीवित भी ना होती आइए जानते हैं अमृतलल के बारे में और क्या करते हैं अमृतलाल पीलीभीत के जाने-माने उद्योगपति और समाजसेवी हैं उन्होंने दिव्यांग सेवा का व्रत लिया हुआ है और 35 साल से लगातार निस्वार्थ निशुल्क रूप से सेवा कर रहे हैं इससे पहले भी दिव्यांगों के लिए पोलियो के ऑपरेशन कराते थे मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर आते हैं हर महीने की 12 तारीख को दिव्यांगों के लिए जरूरत के सामान और इलाज मुहैया कराते हैं लेकिन ढाई साल पहले जब उन्होंने दिल में छेद की बीमारी एचडी इसके बारे में सुना और देखा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों की इलाज के अभाव में दर्दनाक मृत्यु हो जाती है या बच्चे लगाता तड़पते हुए जीने को मजबूर देते हैं तो उनका कोमल है 25 गया और उसी समय यह शपथ ली कि पूरे देश में कहीं भी दिल में छेद वाले बच्चे को तड़पने नहीं देंगे बल्कि उसका निशुल्क इलाज करवाएंगे ताकि कोई भी गरीब बच्चा दिल में छेद वाली बीमारी से पीड़ित ना अब इलाज कराने की क्षमता किसी व्यक्ति की तो नहीं हो सकती क्योंकि एक या दो का तो कोई करा सकता है लेकिन जहां पर सैकड़ों हजारों की तादाद में बच्चे हो उसका क्या किया जाए दिन रात एक कर के ऐसे संस्थान ऐसे लोगों की तलाश में लग गए जो ऐसे में गरीब बच्चों के इलाज का खर्च उठा सके उनको निशुल्क और उनकी तलाश में रहते हुए उनका संपर्क श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल दिल्ली मथुरा रोड बच्चों के दिल के छेद का ऑपरेशन इलाज पूरी तरह से किया जाता है इसके लिए उन्होंने वहां जाकर सारी जानकारी हासिल की।
इस अस्पताल में पिछले ढाई साल में अब तक तेरे को बच्चों को अमृतलाल भेज चुके हैं और इन बच्चों में से जो भी बच्चे इलाज के लायक थे उन सभी का ऑपरेशन और इलाज किया गया जिससे उनके जीवन में और परिजनों के जीवन में खुशियों के सोते हो चुके हैं अमृतलाल का कहना है कि यह जो कड़ी इस कार्य उन्होंने शुरू किया है यह अपने जीते जी उसको रुकने नहीं देंगे और अंतिम सांस तक इस कार्य को करते रहेंगे ऐसे व्यक्ति वास्तव में समाज के लिए बहुत ही जरूरी है और आप भी इस पुण्य कार्य में अपना सहयोग दे सकते हैं हमारे दिए गए नंबरों पर संपर्क करके आप किसी भी पीड़ित के बारे में हमें जानकारी दे सकते हैं और हम उसका इलाज बिल्कुल ही निशुल्क करवाएंगे ऑपरेशन भी फ्री होगा साथ ही साथ जो परिजन बाहर जाएंगे उनका लेना खाना भी फ्री होता है ईश्वर से यही प्रार्थना है कि किसी के बच्चे को ऐसी बीमारी ना हो और अगर हो गई है तो फिर उसके लिए आप हमारे पास भेजिए हम उस बीमारी का पूर्णतया निशुल्क इलाज करवाएंगे ऐसा अमृतलाल का कहना है।
कोई भी व्यक्ति अमृतलालको 9837009375, डॉ प्रेम सागर शर्मा को 9897855607 या अनिल कमल को 9897895585 पर व्हाट्सएप्प पर पीड़ित का फ़ोटो, नाम पता और फ़ोन नंबर भेज सकता है।हमारी टीम आपसे यथा शीघ्र सम्पर्क करती है और बचछे के इलाज की व्यवस्था कराती है।